Updated Sat, 12 Nov 2022 07:30 AM IST
भारत सरकार
आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय
जेएनएनयूआरएम-बीएसयूपी और आईएचएसडीपी परियोजनाओं और सुधारों के कार्यान्वयन के लिये क्षमता की कमी की समस्याओं को हल करने के लिये राज्य/सं.शा. स्तर नोडल एजेंसी में कार्यक्रम प्रबंधन इकाई (पीएमयू) में और यूएलबी/कार्यान्वयन एजेंसी स्तर पर विशेषज्ञों के एक दल को नियुक्त किया गया। ये विशेषज्ञ अन्य विशेषज्ञों के साथ निकट सहयोग से कार्य करते हैं जिनका शहरी विकास मंत्रालय द्वारा समर्थित मिशन के अवसंरचना की तरफ फ़ोकस रहता है।
पीएमयू और पीआईयू की स्थिति
आवास एवं शहरी ग़रीबी उपशमन मंत्रालय की फ़लैगशिप योजनाओं में विस्तृत क्षमताएं उत्कृष्ट कार्यनिष्पादन के लिये राज्यों और शहरों को पुरस्कार प्रदान किया जाना
राष्ट्रपति श्री प्रणव मुखर्जी ने 21 जनवरी 2014 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में विभिन्न राज्यों और शहरों को आवास एवं शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय की फलैगशिप योजनाओं के अधीन विभिन्न श्रेणियों में उत्कृष्ट कार्यनिष्पादन के विस्तृत क्षमताएं लिये पुरस्कार प्रदान किये।
राष्ट्रपति ने अपने प्रमुख भाषण में इन पुरस्कारों को शुरू करने के लिये आवास एवं शहरी ग़रीबी उपशमन मंत्रालय के प्रयासों की प्रशंसा की, जिनसे राज्य, संघ शासित प्रदेश और शहरों को अधिक समावेशी बनाने के वास्ते शहर कार्य करने के लिये प्रेरित होते हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि झुग्गी झोंपड़ी बस्तियां और बेघरों की स्थिति हमारे शहरों में प्रणालीगत अपर्याप्तता के सबसे अधिक प्रदर्शित परिणाम हमारे सामने हैं, परंतु आवासीय, व्यावसायिक और सामाजिक भेद्यता के सभी क्षेत्रों की भागीदारी के साथ जेएनएनयूआरएम, राजीव आवास योजना (आरएवाई) और राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (एनयूएलएम)जैसी विभिन्न नवीकरण योजनाओं के जरिये राज्यों और शहरों की भागीदारी में शहरी गरीबों के लिये आवास और आवास की उपलब्धता में व्याप्त अंतरों को पाटने के लिये आवास और शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय के प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं को बधाई दी विस्तृत क्षमताएं और कहा कि इन पुरस्कारों से अन्य सभी राज्यों और शहरों को ग़रीब हितैशी विकास और स्थिर तथा समावेशी शहरों के सृजन में अपने प्रयासों को पुनः मज़बूत करने के प्रति अवश्य प्रेरणा प्राप्त करनी चाहिये। विस्तृत क्षमताएं
श्री प्रणव मुखर्जी, भारत के माननीय राष्ट्रपति 21 जनवरी 2014 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आवास एवं शहरी ग़रीबी उपशमन मंत्रालय द्वारा स्थापित विस्तृत क्षमताएं पुरस्कार प्रदान करते हुए
मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं/मिशनों के सफलतापूर्वक कार्यान्वयन में योगदान के लिये सम्मानित राज्यों और शहरों की सूची इस प्रकार हैः
1 कर्नाटक जेएनएनयूआरएम के अधीन पिछली 7 वर्ष की मिशन अवधि में श्रेष्ठ कार्यनिष्पादन वाला राज्य
2 तमिलनाडू तीन ग़रीब समर्थक सुधारों के प्रभावी प्रवर्तन विस्तृत क्षमताएं में श्रेष्ठ राज्य
3 मिज़ोरम जेएनएनयूआरएम के अधीन पिछली 7 वर्ष की मिशन अवधि में श्रेष्ठ कार्यनिष्पादन वाला राज्य (पूर्वोत्तर और विशेष
श्रेणी राज्य/सं.शा. प्रदेश)
4 अहमदाबाद बीएसयूपी के कार्यान्वयन में वर्ष 2012-13 के लिये श्रेष्ठ शहर ;बड़े राज्यों/सं.शा. प्रदेशों में यूएलबी के लिये)-संयुक्त विजेता विस्तृत क्षमताएं
5 विशाखापत्तनम बीएसयूपी के कार्यान्वयन में वर्ष 2012-13 के लिये श्रेष्ठ शहर (बड़े राज्यों/सं.शा. प्रदेशों में यूएलबी के लिये)-संयुक्त विजेता
6 दुर्ग आईएचएसडीपी के कार्यान्वयन में वर्ष 2012-13 के लिये श्रेष्ठ शहर (बड़े राज्यों/सं.शा. प्रदेशों में यूएलबी के लिये)-संयुक्त विजेता
7 सोनामुरा (त्रिपुरा) आईएचएसडीपी के कार्यान्वयन में वर्ष 2012-13 के लिये श्रेष्ठ शहर (छोट़े विशेष श्रेणी राज्यों/सं.शा. प्रदेशों में यूएलबी के लिये)
-संयुक्त विजेता
8 जिरिबाम (मणिपुर) आईएचएसडीपी के कार्यान्वयन में वर्ष 2012-13 के लिये श्रेष्ठ शहर (छोट़े विशेष श्रेणी राज्यों/सं.शा. प्रदेशों में यूएलबी के लिये)
-संयुक्त विजेता
9 विशाखापत्तनम तीन ग़रीब समर्थक सुधारों के प्रभावी प्रवर्तन में श्रेष्ठ शहर (यूएलबी स्तर)
10 चंडीगढ़ शहरी गरीबों के लिये नियोजित आवास के लिये वर्ष 2012-13 के लिये श्रेष्ठ शहर (यूएलबी स्तर)
11 तिरूअनंतपुरम जेएनएनयूआरएम (बीएसयूपी और आईएचएसडीपी) के अधीन सामुदायिक अभिप्रेरण में श्रेष्ठ शहर-यूएलबी-स्तर-संयुक्त विजेता
12 ठाणे जेएनएनयूआरएम (बीएसयूपी और आईएचएसडीपी) के अधीन सामुदायिक अभिप्रेरण में श्रेष्ठ शहर-यूएलबी-स्तर-संयुक्त विजेता
13 तिरूअनंतपुरम जेएनएनयूआरएम (बीएसयूपी और आईएचएसडीपी) के अधीन आवासों के निर्माण में लागत-प्रभावी निर्माण प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल में
वर्ष 2012-13 के लिये श्रेष्ठ शहर
14 अजमेर स्लम मुक्त शहर कार्रवाई योजना और राजीव आवास योजना के अधीन प्रायोगिक परियोजनाएं तैयार करने के लिये उत्कृष्ट प्रयासों हेतु
वर्ष 2012-13 के लिये श्रेष्ठ शहर ;यूएलबी स्तरद्ध
15 मिजोरम वर्ष 2012-13 के लिये एसजेएसआरवाई के अधीन संपूर्ण कार्यनिष्पादन के लिये श्रेष्ठ राज्य (छोटे राज्यों/सं.शा. प्रदेशों में)
अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्षेत्र के उत्पादों की क्षमता पर हुई चर्चा
जम्मू और कश्मीर ब्यूरो
Updated Sat, 12 Nov 2022 07:30 AM IST
कठुआ। जम्मू और कश्मीर ट्रेड प्रमोशन आर्गनाइजेशन की ओर से डीसी कार्यालय परिसर में निर्यात जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला में निर्यात के लाभ, आईईसी कोड प्राप्त करने की प्रक्रिया, इंडिया बिजनेस पोर्टल और इंडिया ट्रेड पोर्टल के बारे में जागरूकता, निर्यात के लिए क्रेडिट लिंकेज और क्रेडिट जोखिम बीमा सुविधाओं और अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्षेत्र के उत्पादों की क्षमता पर विस्तृत चर्चा की गई।
वहीं, जिला स्तर पर निर्यात जागरूकता कार्यशालाओं का उद्देश्य जम्मू और कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश से निर्यात को बढ़ावा देना और समर्थन करना है। प्रत्येक जिले को निर्यात हब बनाने, वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट पहल के रूप में जिले के तहत निर्यात केंद्र के रूप में विकसित करना है। कार्यशाला कठुआ जिले के वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट उत्पादों और मशरूम, बसोहली पेंटिंग्स, बसोहली पश्मीना आदि सहित अन्य फोकस उत्पादों की क्षमता पर भी केंद्रित रही। कार्यशाला का आयोजन एडीसी अतुल गुप्ता की अध्यक्षता में कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण, विदेश व्यापार महानिदेशालय, फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन, एक्सपोर्ट क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, स्टेट बैंक के सहयोग से किया गया।
कठुआ। जम्मू और कश्मीर ट्रेड प्रमोशन आर्गनाइजेशन की ओर से डीसी कार्यालय परिसर में निर्यात जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला में निर्यात के लाभ, आईईसी कोड प्राप्त करने की प्रक्रिया, इंडिया बिजनेस पोर्टल और इंडिया ट्रेड पोर्टल के बारे में जागरूकता, निर्यात के लिए क्रेडिट लिंकेज और क्रेडिट जोखिम बीमा सुविधाओं और अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्षेत्र के उत्पादों की क्षमता पर विस्तृत चर्चा की गई।
वहीं, जिला स्तर पर निर्यात जागरूकता कार्यशालाओं का उद्देश्य जम्मू और कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश से निर्यात को बढ़ावा देना और समर्थन करना है। प्रत्येक जिले को निर्यात हब बनाने, वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट पहल के रूप में जिले के तहत निर्यात केंद्र के रूप में विकसित करना है। कार्यशाला कठुआ जिले के वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट उत्पादों और मशरूम, बसोहली पेंटिंग्स, बसोहली पश्मीना आदि सहित अन्य फोकस उत्पादों की क्षमता विस्तृत क्षमताएं पर भी केंद्रित रही। कार्यशाला का आयोजन एडीसी अतुल गुप्ता की अध्यक्षता में कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण, विदेश व्यापार महानिदेशालय, फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन, एक्सपोर्ट क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, स्टेट बैंक के सहयोग से किया गया।
क्षमता विकास योजना को जारी रखने विस्तृत क्षमताएं की स्वीकृति
प्रश्न-हाल ही में आर्थिक मामलों पर मंत्रिमंडलीय समिति ने ‘क्षमता विकास विस्तृत क्षमताएं विस्तृत क्षमताएं योजना’ को जारी रखने की स्वीकृति दी। इस योजना का परिव्यय है-
(a) 2250 करोड़ रुपये
(b) 2150 करोड़ रुपये
(c) 2050 करोड़ रुपये
(d) 1950 करोड़ रुपये
उत्तर-(a)
संबंधित तथ्य
विस्तृत क्षमताएं
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