चिप की आपूर्र्ति में बिटकॉइन की सेंध
दुनिया भर में बिटकॉइन की बढ़ रही लोकप्रियता से इस उद्योग (सेमीकंडक्टर) में मांग बढ़ गई है। ऐसे में वैश्विक चिप निर्माता ऐसे चिप बनाने के लिए अपने संयंत्रों को पुन: तैयार कर रहे हैं जो बिटकॉइन सर्वरों के लिए जरूरी हाई प्रोसेसिंग स्पीड के लिहाज से उपयुक्त हों। वे छोटे लेकिन शक्तिशाली नैनोमीटर चिपों की ओर भी रुख कर रहे हैं जो ऊंचे कीमत वसूलने में मददगार हैं।
इसकी वजह यह है कि कार निर्माता और दूरसंचार उपकरण निर्माताओं जैसे अन्य उद्योगों को दुनियाभर में और भारत में, ऐसी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है जो संभवत: लंबे समय तक बनी रह सकती है।
चिप निर्माताओं के लिए उपकरणों की प्रख्यात निर्माता अप्लायड मैटेरियल्स के अनुमान से संकेत मिलता है कि बढ़ती मांग के अनुरूप आपूर्ति के लिहाज से नए संयंत्रों द्वारा उत्पादन पूरी तरह शुरू किए जाने में 24-30 महीने लग सकते हैं। चिप की किल्लत करीब एक साल पहले शुरू हुई थी। मोबाइल डिवाइस का निर्माण करने वाली लावा इंटरनैशनल के चेयरमैन हरि ओम राय यह किल्लत अनुमान के मुकाबले बेहतर लंबे से बनी हुई है। उन्होंने कहा, 'हमने सोचा था कि यह एक साल बाद दूर हो जाएगी, लेकिन हमारा मानना है कि इसमें अन्य 6 महीने लग सकते हैं।'
राय ने कहा कि चिप की किल्लत से उन मोबाइल उपकरण निर्माताओं को समस्या हो रही है जिन्हें चिप की सामान्य जरूरत का 30-40 प्रतिशत से कम हिस्सा हासिल हो रहा है।
सिर्फ ऐसा नहीं है कि बिटकॉइन कंपनियों बिटकॉइन का निर्माण और खरीदी से मांग बढऩे से यह किल्लत पैदा हुई है। राय का मानना है कि फोन के लिए भी मांग में अचानक वृद्घि (इसलिए चिप की भी मांग बढ़ी है) कोविड संबंधित लॉकडाउन के बाद अनुमानित नहीं थी। उन्होंने कहा, 'उदाहरण के लिए, विद्युत प्रबंधन और डिस्पले कम्युनिकेशन के लिए एकीकृत सर्किट को तैयार किया जाता है, जबकि मेमरी और सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट के लिए ये हाईटेक होते हैं। किल्लत नॉन-लीडिंग टेक चिप को लेकर है। इनके बगैर फोन का निर्माण नहीं किया जा सकता।' उन्होंने कहा कि अपेक्षाकृत बड़े चिप निर्माता हाई-एंड चिप निर्माण के लिए क्षमता को नए तरह से विकसित कर रहे हैं और वे मोबाइल डिवाइस कंपनियों छोटे निर्माताओं या कारोबारियों के जरिये हाई नैनोमीटर चिप खरीदने को कह रहे हैं। बिटकॉइन ने चिप निर्माताओं को पिछले साल नए अवसर मुहैया कराए। अप्लायड मैटेरियल्स इंडिया के कंट्री प्रेसीडेंट श्रीनिवास सत्या ने कहा, 'हम बिटकॉइन सर्वर जैसे क्षेत्रों में मौजूदा चिप क्षमता का पुनर्विकास देख रहे हैं। इन सर्वर के लिए आधुनिक चिप की जरूरत होती है जो अच्छी रकम हासिल करते हैं।'
सत्या का कहना है कि दूसरी तरफ, भारत और अन्य कहीं भी (जहां लागत घटाने के लिए जस्ट-इन-टाइम ऑपरेशन पर अमल किया जाता है) वाहन निर्माताओं ने चिप निर्माताओं से अपना उत्पादन घटाने को कहा है, क्योंकि वाहनों की बिक्री और उत्पादन स्तर घटा है।
इसे ध्यान में रखते हुए चिप निर्माताओं ने बिटकॉइन का निर्माण और खरीदी इस क्षमता को बिटकॉइन सर्वरों के लिए चिप बनाने पर केंद्रित किया है। यह उनके लिए फायदेमंद है, क्योंकि ज्यादातर चिप की जरूरत वाहन विनिर्माओं द्वारा इस्तेमाल माइक्रो कंट्रोलर में होती है, जो अत्याधुनिक नहीं हैं और इसलिए उनसे बहुत ज्यादा मार्जिन नहीं मिलता, जितना कि बिटकॉइन के लिए इस्तेमाल हाईटेक चिप पर मिलता है।
बैन होने से पहले जुर्माना भरकर बिटकॉइन करा सकेंगे वैध, बन रहा है यह नया कानून
नई दिल्ली। यदि आपने भी बिटकॉइन (Bitcoin) जैसी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में निवेश किया है तो जुर्माना भरकर इसे वैध करा सकते हैं। देश में इस पर प्रतिबंध लगाने से पहले केंद्र सरकार निवेशकों को यह राहत दे सकती है। संसद में लिस्ट किए गए विधेयक में इस बात के प्रावधान हैं।
सूत्रों के मुताबिक प्रस्तावित क्रिप्टोकरेंसी बिल में ऐसी सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी से निवेशकों को बाहर निकालने के प्रावधान है। इसमें क्रिप्टो निवेशक करेंसी को कानूनी तौर पर एसेट यानी संपत्ति में बदल सकेंगे। हालांकि उन्हें भारी भरकम जुर्माना चुकाना होगा। वित्त मंत्रलाय के एक अधिकारी ने नाम बिटकॉइन का निर्माण और खरीदी न छापने की शर्त पर बताया कि बिल को अंतिम रूप दिया जाना बाकी है। इसलिए जुर्माना कितना होगा यह बताना अभी मुमकिन नहीं है।
बजट सत्र में ही पेश होगा बिल : डिजिटल करेंसी बिल 2021 संसद के चल रहे बजट सत्र में पेश किया जाना है। बिल का मकसद भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई, RBI) द्वारा जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल मुद्रा बिटकॉइन का निर्माण और खरीदी या सरकारी क्रिप्टोकरेंसी के निर्माण के लिए एक कानूनी रास्ता तैयार किया जाना है। लोकसभा सचिवालय ने एक बुलेटिन में भी कहा कि भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने की कवायद चल रही है।
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हालांकि, यह कानून क्रिप्टोकरेंसी की तकनीक और इसके उपयोग को बढ़ावा देने के लिए कुछ अपवादों की अनुमति देगा। इस बिल में निजी क्रिप्टोकरेंसी की होल्डिंग, सेल्स, इश्युइंग, माइनिंग, ट्रांसफरिंग और क्रिप्टोकरंसी का उपयोग करने में पर दंडनीय अपराध घोषित किया जा सकता है। इसके तहत भारी जुर्माना, कैद या दोनों का प्रावधान होगा।
निजी एक्सचेंजों को हो सकती है दिक्कत : मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक सरकार ने सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी और इससे संबंधित सभी तरह के संस्थानों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। यानी इसकी जद में क्रिप्टोकरेंसी के ट्रेड के लिए चलने वाले निजी एक्सचेंज भी आएंगे। क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज कॉइनडीसीएक्स (CoinDCX) के संस्थापक सुमित गुप्ता ने कहा कि भारत सरकार को प्रस्तावित विधेयक के मसौदे को जारी करना चाहिए और इससे पहले क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े लोगों से सुझाव लिया जाना चाहिए।
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सिर्फ 2020 में ही क्रिप्टोकरेंसी में 2.4 करोड़ डॉलर का निवेश : एनालिस्ट फर्म वेंचर इंटेलिजेंस के आंकड़ों के मुताबिक सिर्फ 2020 में ही क्रिप्टोकरेंसी में 2।4 करोड़ डॉलर का निवेश हुआ है। यह इससे एक साल पहले महज 50 लाख डॉलर था। देश में सक्रिय क्रिप्टोकरेंसी फर्मों ने भी लॉकडाउन के दौर में भी अच्छा बिजनेस किया है। विभिन्न क्रिप्टो एक्सचेंजों के खुलने से पिछले कुछ वर्षों में भारत में क्रिप्टो ट्रेडिंग एक औपचारिक क्षेत्र बन गया है।
एलन मस्क की वजह से फिर चर्चा में है बिटकॉइन : क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) बिटकॉइन (Bitcoin) एक बार फिर चर्चा में है। दुनिया के सबसे शख्स एलन मस्क (Elon Musk) की कंपनी टेस्ला (Tesla) ने 1।5 बिलियन डॉलर के बिटकॉइन खरीदने और इसे भुगतान के रूप में स्वीकारने का फैसला लिया है। इस ऐलान के महज 24 घंटे के भीतर भारत में इंडियन क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज और ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म में बिटकॉइन खरीदी के वॉल्यूम में चार गुना उछाल आ गया है।
असल में क्या हैं? बिटकॉइन करेंसी
दुनियाभर में अलग – अलग तरह की पेपर और सिक्के की मुद्राओँ का चलन है। लेकिन इन दोनों Bitcoin – बिटकॉइन नाम की करेंसी आजकल काफी प्रचलित हो रही है। Bitcoin – बिटकॉइन इस समय की सबसे बिटकॉइन का निर्माण और खरीदी महंगी करेंसी है हालांकि ज्यादातर लोगों को इस बारे में कम ही पता है कि बिटाकॉइन करेंसी क्या है बिटाकॉइन करेंसी – Bitcoin Currency कई देशों में प्रतिबंधित है इसके बावजूद इस करेंसी की लोकप्रियता बढ़ती ही जारी है चलिए आपको बताते है कि असल में बिटकॉइन करेंसी है क्या और इस पर प्रतिबंध क्यों लगाया गया है।
Bitcoin
असल में क्या हैं? बिटकॉइन करेंसी – What is Bitcoin
बिटाकॉइन दरअसल एक विंकेद्रीकृत डिजिटल करेंसी है। यानी की इस मुद्रा का कोई ठोस रुप नहीं है। और ना ही ये किसी बैंक दारा संचालित की जा सकती है। कंप्यूटर आधारित भुगतान के लिए बिटाकॉइन को निर्मित किया गया था। पहली बिटाकॉइन का निर्माण साल 2009 में सतोशी नकामोतो नामक एक अभियंता ने ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के रुप में जारी किया था।
केवल नौ सालों में बिटाकॉइन की लोकप्रियता इतनी ज्यादा बढ़ चुकी है कि लोग बिटकॉइन को कम दामों पर खरीदकर ऊंचे से ऊंचे दामो पर कारोबार कर रहे हैं।
आमतौर पर जब भी आप किसी भी वस्तु का बिटकॉइन का निर्माण और खरीदी भुगतान डेबिट या क्रेडिट कार्ड के जरिए करते है तो उस पर कुछ प्रतिशत शुल्क लगता है। लेकिन बिटाकॉइन में ऐसा कुछ भी नहीं है। क्योंकि बिटाकॉइन के लेन देन में कोई भी शुल्क नही लगता है। साथ ही इस करेंसी का इस्तेमाल करने वाले लोगों का कहना ये भी है कि बिटाकॉइन का प्रोसेस सुरक्षित और तेज है।
जिस कारण लोग इसे ज्यादा पंसद कर रहे है। साथ ही इसमें किसी भी तरह की क्रेडिट लिमिट नहीं है। और इसमें खरीदार की पहचान भी गुप्त रखी जाती है। साथ ही ये दुनिया के किसी भी कोने में बैठकर उपयोग कर सकते है।
कई देशों की ऑनलाइन कंपनियां बिटाकॉइनस को स्वीकर कर रही है जिस वजह से इसके जरिए प्लेन टिकट बुक करने, होटल रुम बुक बिटकॉइन का निर्माण और खरीदी करने, कार, या कोई इलेक्ट्रॉनिक्स खरीदने के लिए पेमेंट करना आसान है। आपको बता दें एक बिटाकॉइन की कीमत 4,83,3376.04 रुपये है।
बिटाकॉइन के इस लेनदेन को माइनिंग कहा जाता है। हालांकि आमतौर पर माइनिंग का मतलब खनिजों की खुदाई से संबंधित होता है। लेकिन क्योंकि बिटकॉइन का कोई भौतिक रुप नहीं है इसलिए बिटाकॉइन के निर्माण को ही माइनिगं कहा जाता है।
लेकिन आपको बता दें बिटाकॉइन की माइनिंग केवल कंप्यूटर पर भी संभव है। बिटाकॉइन का नया निर्माण 11 नवम्बर साल 2017 में हुआ था। हालांकि इतने फायदों के बाद भी बिटाकॉइन भारत सहित कई देशों में बैन है।
क्यों किया गया है बिटाकॉइन को बैन – Why is Bitcoin Banned in India
भारतीय रिजर्व बैंक ने 24 दिसम्बर साल 2013 को बिटाकॉइन जैसी वर्चुअल मुद्राओं को लेकर एक प्रेस क्रॉन्फ्रेंस की थी जिसमें रिजर्व बैंक ने कहा था कि इन मुद्राओँ के लेन – देन की अधिकारिक अनुमति नही है। इसके बाद समय – समय पर रिजर्व बैंक इस वर्चुअल मुद्रा को लेकर सावधानी जारी करता रहा है।
रिर्जव बैंक के अनुसार इसके लेन -देन कई स्तर पर जोखिम है। जिस कारण कई देश इसे मान्य करार नहीं देते हैं। साथ ही बिटाकॉइन को न अपनाने की एक वजह ये भी है कि इसकी कीमतों पर लगातार उतार चढ़ाव होता रहता है साथ ही इसका कोई भौतिक रुप न होने के कराण इसे करेंसी या कमोडिटी का बिटकॉइन का निर्माण और खरीदी दर्जा भी नहीं दिया जा सकता है।
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बिटकॉइन
बिटकॉइन
बिटकॉइन
1- इसकी शुरुआत 3 जनवरी 2009 को हुई थी।
2- यह विश्व का प्रथम पूर्णतया खुला भुगतान तंत्र है।
3- इस समय दुनिया भर में 1 करोड से अधिक बिटकाइन हैं, जिनका मूल्य 55 हज़ार करोड रुपए है।
बिटकॉइन_का_इस्तेमाल_कौन_कर_रहा_है ?
दुनिया का पहला ओपन पेमेंट नेटवर्क बिटकॉइन चर्चा में है। क्योंकि, फाइनैंशियल ट्रांजैक्शन के लिए यह सबसे तेज और कुशल मानी जा रही है। इसलिए बिटकॉइन को वर्चुअल करंसी भी कहा जाता है।
दरअसल बिटकॉइन एक नई टेक्नोलॉजी है जिसका इस्तेमाल ग्लोबल पेमेंट के लिए किया जा सकता है। हजारों कंपनियों, लोगों और गैर लाभकारी संगठन ने ग्लोबल बिटकॉइन सिस्टम को अपनाया है। हालांकि इस मुद्रा का व्यापार, निर्माण और नियंत्रण अन्य बिटकॉइन उपयोगकर्ताओं द्वारा किया जाता है l
कोई_केंद्रीय_संस्था_नहीं_है
बिटकॉइन को किसी संस्था द्वारा नियंत्रित नही किया जाता है जिसका अर्थ है कि इसके ऊपर सरकार या बैंक का कोई अधिकार नही हैl इनका उपयोग या खरीदारी किसी के द्वारा भी की जा सकती हैl चूंकि इनके व्यापार को रोका नही जा सकता है इसलिए कोई भी बैंक या प्राधिकरण आपको इंटरनेट द्वारा किसी और को अपने बिटकॉन्स भेजने से रोक नही सकता है। लेकिन इसमें एक दुविधा यह भी है कि यदि आपके साथ कोई धोखा होता है तो आप किसी के पास भी इसके बारे में शिकायत दर्ज नही करा सकते हैं l
इसका_मूल्य_कितना_होता_है ?
दुनिया भर में Bitcoins के वितरण की सीमा मात्र 210,00000 है यानि कि कुल मिलकर पूरे विश्व में 210,00000 ही बनाए जाएँगे उसके बाद इसका उत्पादन बंद हो जाएगा| कुछ ऐसी भी मूलभूत प्रक्रियाएं हैं जो इसे जटिल बनाती हैं और अधिकृत व्यक्ति को इसे समझने के लिए तकनीकी जानकारी होना आवश्यक हो जाता हैl
जैसा कि पहले ही बताया गया है कि यह एक छदम मुद्रा है जिसने 2013 में बहुत प्रसिद्धि पाकर अंतरराष्ट्रीय बाजार में उठा पटक मचा दी थी l दरअसल तीन साल पहले वजूद में आई बिटकॉइन दुनिया की सबसे महंगी करंसी बन गई है। इस समय एक बिटकॉइन को ऑनलाइन या बाजार में तकरीबन 790676 रुपये में बेचा जा सकता है। इसका मूल्य इसकी मांग और पूर्ती के बीच के समन्वय पर पड़ता है या खरीदने वाला जितना मूल्य देने को तैयार हो जाये
इसकी कीमत हर देश में अलग अलग होती हैl चूँकि इसका चलन विश्व बाज़ार में है, इसलिए इसकी कीमत हर देश में इसकी मांग के अनुसार होती है| इस समय एक बिटकॉइन का खरीदी मूल्य 790676 रूपए है वहीँ अमेरिका में एक बिटकॉइन की कीमत $604 है आज बिटकॉइन का चलन विश्व बाज़ार में बहुत तेज़ी पर हैl लेकिन इस बाजार में अस्थिरता बहुत अधिक होती है|
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