SBI:
आज इन स्टॉक्स विदेशी मुद्रा मोबाइल ट्रेडिंग पर रखें नजर: ONGC, Oil India, Hatsun Agro, Inox Green, Indus Towers
मोबाइल टावर ऑपरेटर ने डिबेंचर के जरिए 2,000 करोड़ रुपये तक जुटाने की योजना बनाई है। सूत्रों के मुताबिक इन बॉन्ड्स की मैच्योरिटी दो से तीन साल के बीच थी। कंपनी के 7 दिसंबर को आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) द्वारा रेपो दर के फैसले से इस पर कोई योजना बना सकती है।
ONGC, OIL India:
किरीट पारिख समिति, जिसने राज्य के स्वामित्व वाले उत्पादकों के पुराने क्षेत्रों से बनाई जाने वाली प्राकृतिक गैस के लिए एक न्यूनतम और उच्चतम मूल्य की सिफारिश की है, उसने भी ओएनजीसी और ओआईएल को पुराने क्षेत्रों से जोड़े गए किसी भी नए गैस उत्पादन के लिए 20 प्रतिशत प्रीमियम का भुगतान करने का समर्थन किया है। .
Hatsun Agro Products:
कंपनी के बोर्ड ने करीब 71.85 लाख इक्विटी शेयर जारी कर 301 करोड़ रुपये तक के राइट्स इश्यू विदेशी मुद्रा मोबाइल ट्रेडिंग को मंजूरी दी है। कंपनी ने राइट्स इश्यू एंटाइटेलमेंट को 1:30 के अनुपात में निर्धारित किया है, यानी एक शेयरधारक द्वारा रखे गए प्रत्येक 30 शेयरों के अधिकारों पर एक शेयर। शेयरधारक की आगामी पात्रता के लिए रिकॉर्ड तिथि 08 दिसंबर है। राइट्स इश्यू 19 दिसंबर से 09 जनवरी तक खुला रहेगा।
क्या होती है आर्थिक मंदी?
मंदी के कारण महंगाई और बेरोजगारी बढ़ने का खतरा है, लोगों की आमदनी घटती है और अर्थव्यवस्था के असर से शेयर बाजार में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है. विकसित देशों द्वारा आयात और निर्यात पर विदेशी मुद्रा मोबाइल ट्रेडिंग करों में अचानक वृद्धि और कमी आर्थिक मंदी का एक स्रोत है, यह अन्य देशों को भी प्रभावित करता है. आर्थिक मंदी में वस्तुओं की खपत कम हो जाती है, जिससे उत्पादित वस्तुओं को बेचा नहीं जा सकता. इसका उत्पादक कंपनियों पर विपरीत प्रभाव पड़ता है. इस लेख के जरिए आज हम आपको बताएंगे कि आर्थिक मंदी क्या है, इसके कारण और प्रभाव की जानकारी देंगे.
आर्थिक मंदी क्या है?
यदि किसी देश की अर्थव्यवस्था में लगातार गिरावट आती है तो उसे आर्थिक मंदी कहते हैं. जब किसी अर्थव्यवस्था की विकास दर या GDP लगातार तिमाही-दर-तिमाही गिर रही हो तो ऐसी स्थिति को आर्थिक मंदी का सबसे बड़ा स्रोत माना जाता है, जिसका देश की स्थिति पर भी बहुत प्रभाव पड़ता है. आर्थिक मंदी में वस्तुओं की मांग घट जाती है, जिससे उत्पादित वस्तुओं की बिक्री में काफी गिरावट आ जाती है. आर्थिक मंदी एक ऐसी स्थिति है, जब लोगों के पास अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए पैसे की कमी हो जाती है, जिसके कारण वे अपनी जरूरत की चीजें भी नहीं खरीद पाते हैं और वे पैसे के हिसाब से अपनी जरूरतों को कम करने की कोशिश करते हैं.
ऐसा करने से इसका सीधा असर उत्पादक कंपनियों पर विदेशी मुद्रा मोबाइल ट्रेडिंग दिखाई देता है, क्योंकि लोगों द्वारा खरीदारी कम करने से उत्पादित वस्तुओं की बिक्री भी कम हो जाती है. जिससे कंपनी को मुनाफा कम होता है इसलिए कंपनी को विदेशी मुद्रा मोबाइल ट्रेडिंग अपना मुनाफा भी नजर आता है. कर्मचारियों विदेशी मुद्रा मोबाइल ट्रेडिंग को रखता है जिससे बड़ी संख्या में बड़ी कंपनियों में कर्मचारियों की छंटनी की जाती है, कंपनियों में छंटनी के कारण लाखों लोग बेरोजगार हो जाते हैं, जिसका सीधा असर उनके परिवारों पर पड़ता है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उनके पास भोजन नहीं की कमी है. इससे वे परिवार कुपोषण के शिकार हो जाते हैं और देश में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
आर्थिक मंदी के कारण
आर्थिक मंदी के कारण धन का प्रवाह रुक जाता है. धन के प्रवाह का अर्थ है कि लोगों की क्रय शक्ति भी कम हो जाती है, जिससे उनकी बचत भी कम हो जाती है.
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें काफी हद तक बढ़ जाती हैं, जिससे महंगाई की दर काफी ऊंचे स्तर पर पहुंच जाती है. इससे विदेशी मुद्रा मोबाइल ट्रेडिंग लोग जरूरत का सामान भी नहीं खरीद पा रहे हैं.
आर्थिक मंदी का मुख्य कारण डॉलर के मुकाबले रुपये के मूल्य में गिरावट है.
आयात की तुलना में निर्यात में गिरावट आती है, जिससे देश का वित्तीय स्तर बढ़ता है और इससे विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आती है.
इस समय अमेरिका और चीन के बीच चल रहे ट्रेड वॉर की वजह से दुनिया में आर्थिक मंदी का खतरा बढ़ता जा रहा है, जिसका भारत पर काफी असर पड़ रहा है.
मंदी के दौर में लोगों की आमदनी कम होने की वजह से इसमें निवेश भी कम हो जाता है.
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