New year 2023 :इन आसान आदतों से बचाएं अपने पैसे, नए साल के साथ लें ये Financial resolution
आज हम आपको कुछ ऐसे ही Financial resolutions के टिप्स बता रहे हैं, जो आपको पैसा बचाने के साथ भविष्य में किसी भी मुसीबत या बड़े खर्चे के लिए तैयार रखेगा।
नए साल के साथ हम सभ कुछ न कुछ new year resolution लेते है। कोई नए साल से रेगुलर जिम जाने का लक्ष्य रखता है तो कोई अपनी आदतों में बदलाव का संकल्प लेता है। आज हम आपको कुछ ऐसे ही Financial resolutions के टिप्स बता रहे हैं, जो आपको पैसा बचाने के साथ भविष्य में किसी भी मुसीबत या बड़े खर्चे के लिए तैयार रखेगा।
1.फालतू खर्चों से तोड़े नाता
फाइनेंशियल रूप से मजबूत रहने के लिए फालतू खर्चों को गुड बाय कहना सबसे पहला कदम है। हम अपने फालतू खर्चों पर लगाम लगा कर न केवल अपने पैसे बचा सकते है बल्कि इन्हें बेहतर जगह पर इन्वेस्ट कर सकते हैं। इसलिए किसी भी तरह का खर्च करने से पहले दो बार जरूर सोच लें कि यह जरुरी है या नहीं। साथ ही शेयर बाजार में कितने तरह से पैसा लगा सकते? अपने महीने में खर्च होने वाले बजट पर भी ध्यान देने की आदत डाल लें।
2. बचत को बनायें अपना Best Friend Forever
अनाब-शनाब खर्चों पर लगाम लगाने के साथ सेविंग्स की आदत डालना भी उतना ही जरूरी है। अपने मंथली बजट को तैयार करने के बाद आपको हर महीने अपनी कमाई का एक हिस्सा सुरक्षित रख लेना चाहिए। अगर अभी तक ऐसा नहीं करते आए हैं, तो 2023 से अपने लिए आवश्यकता अनुसार बचत की अवधि तय करके बचत प्लान कर लें। यह आदत आपको भविष्य के किसी भी मुसीबत या बड़े खर्चे के लिए तैयार रखेगा।
3. अनचाहे इंस्टॉलमेंट से बनाएं दूरी
क्रेडिट कार्ड या आसानी से किश्तों पर सामान मिलने वाले जमाने में हमें अनचाही इंस्टॉलमेंट से दूरी बनानी चाहिए। हम अक्सर बाजार जाते हुए आसान किश्तों पर मिल रहे सामान का घर ले आते है और उसे एक या दो महीने बाद शायद ही उसे इस्तेमाल करते हैं। हालांकि, उसकी किश्तें हमें न चाहते हुए फिर भरनी पड़ती है। इसलिए सावधानी हमेशा अफसोस करने से बेहतर होती है।
4. सही जगह पर करें इन्वेस्टमेंट
निवेश करना सेविंग्स का सबसे अच्छा तरीका भी माना जाता है। इसलिए हमें हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि कहां निवेश करना चाहिए और कहां नहीं। बाजार में आज सेविंग्स के कई तरह प्लान मौजूद है। अगर आप अपना पैसा लगाने से पहले हर तरह से जांच परख कर ले तो यह आपको सेविंग्स के साथ अच्छा रिटर्न भी दे सकता है। साथ ही हमें लुभावने प्लान देने वाली फर्जी कंपनियों के जाल से बचना चाहिए।
5. अपनी सैलरी या इनकम में 50:20:30 का नियम अपनाएं
इस नियम के अनुसार, आपको अपनी टैक्स के बाद वाली आय का 50 फीसदी तक उन जरूरतों पर खर्च करना चाहिए जो आपके पास होनी चाहिए या जरुरी है। बाकी बची आय में से 20 फीसदी को बचत और ऋण चुकौती में बांटना चाहिए जबकि 30 फीसदी का इस्तेमाल आप जिस भी तरह से चाहे उस तरह से कर सकते हैं।
अमेरिकी शेयर बाजार में कैसे करें निवेश, क्या ये सही समय है?
एक वित्तीय वर्ष में 2,50,000 डॉलर यानी करीब 1 करोड़ 80 लाख रुपये भारतीय सीमा के बाहर निवेश कर सकते हैं.
जबरदस्त रिटर्न के लिए अच्छी और मुनाफा बनाने वाली कंपनी की तलाश हर निवेशक को होती है. हो सकता है ऐसे में आपका मन टेस्ला, अमेजन या नेटफ्लिक्स जैसी कंपनी पर आया हो जो भारतीय बाजार नहीं बल्कि US के बाजार में निवेश के लिए मौजूद है. आइए ऐसे में समझते हैं एक भारतीय निवेशक के लिए अमेरिकी बाजार में निवेश से जुड़े विभिन्न पहलुओं को-
अमेरिका में बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर पैकेज के ऐलान के बाद S&P 500 इंडेक्स अप्रैल में पहली बार 4,000 का स्तर पार कर गया.
कितना बड़ा है US स्टॉक मार्केट?
अमेरिकी शेयर बाजार दुनिया का सबसे बड़ा इक्विटी मार्केट है. US के दो बड़े स्टॉक एक्सचेंज, न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज और नैस्डैक में अमेजन, टेस्ला, माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, इत्यादि विश्व की सबसे बड़ी कंपनियों के शेयर लिस्टेड हैं. अमेरिकी बाजार से जुड़े विभिन्न इंडेक्स जैसे S&P 500 इंडेक्स, डाउ जोंस इंडस्ट्रियल एवरेज और नैस्डैक कंपोजिट इंडेक्सों का इस्तेमाल निवेशकों की दृष्टि से US और विश्व की अर्थव्यस्था को समझने के लिए किया जाता है. साथ ही दुनिया के दूसरे बाजारों पर भी इनकी दिशा का बड़ा असर होता है. दूसरे देशों की कंपनियां भी विभिन्न वजहों से अपनी लिस्टिंग US बाजार में करवाती है.
निवेश के क्या हो सकते हैं फायदे?
निवेशक हमेशा रिस्क को कम करने के लिए अपने पोर्टफोलियो में विभिन्न सेक्टर और अलग अलग तरह के स्टॉक्स रखना चाहते हैं. इस दृष्टि से किसी भी बाहरी बाजार में निवेश नए विकल्पों को खोल देता है. US बाजार में कई दूसरे देशों की कंपनियों भी खुद को लिस्ट करवाती है.
बीते वर्षों में अमेरिकी बाजार में भारतीय बाजार की तुलना में कम वोलैटिलिटी देखी गई है. काफी बार रिटर्न के मामले में भी US के बाजार का प्रदर्शन भारतीय बाजार से बेहतर रहा है. रुपये के डॉलर की तुलना में कमजोर होने का भी निवेशकों को फायदा मिल सकता है.
स्टार्टअप हब होने के कारण US में अच्छी क्षमता वाली कंपनियों में शुरुआत में निवेश का मौका होता है. इसी तरह भारत या अन्य बाजारों में कई बड़ी कंपनियों की सब्सिडियरी लिस्ट होती है जबकि US बाजार में सीधे निवेश से ज्यादातर ऐसी कंपनियों में आसानी से निवेश कर सकते हैं.
कैसे कर सकते हैं निवेश शुरु?
US बाजार में निवेश के दो रास्ते हैं.
पहला तरीका सीधे निवेश का है. इसमें निवेशक भारतीय बाजार की तरह ही ब्रोकर के साथ रजिस्ट्रेशन कर स्टॉक्स में खरीद बिक्री कर सकता है. आजकल भारतीय ब्रोकरेज कंपनियां भी अमेरिकी ब्रोकरेज हाउस के साथ करार कर निवेशकों को आसान निवेश की सुविधा देती हैं. निवेशक जरूरी पैन कार्ड, घर के पते को सत्यापित करने वाले ID के साथ सीधे अमेरिकी ब्रोकरेज कंपनी के साथ भी बाजार में व्यापार के लिए रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं.
दूसरा तरीका म्यूचुअल फंड के रास्ते निवेश का हो सकता है. भारत में अनेकों म्यूचुअल फंड US बाजार आधारित फंड चलाते हैं. ऐसे फंड या तो सीधा अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड शेयरों में निवेश करते हैं या ऐसे बाजारों से जुड़े दूसरे म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं. इस प्रक्रिया में किसी अलग तरह के रजिस्ट्रेशन और बाजार के गहरी समझ की जरूरत नहीं है.
शेयर मार्केट क्या है? और शेयर मार्केट में पैसे कैसे कमाए?
जब भी हम ऑनलाइन पैसा कमाने के बारे में सोचते हैं तो हमारे पास सबसे पहला विकल्प होता है शेयर बाजार, क्योंकि शेयर बाजार एक ऐसा गहरा कुआं है जो पूरे भारत में पैसे की प्यास बुझा सकता है, यह बात आपने कभी न कभी सुनी होगी।
इस लेख के माध्यम से हम शेयर बाजार के बारे में सारी जानकारी देंगे जैसे शेयर मार्केट क्या है हिंदी में, डीमैट अकाउंट क्या है, डीमैट खाता खोलने की प्रक्रिया, शेयर मार्केट में पैसा कैसे लगाएं और शेयर मार्केट कैसे सीखे आदि। यह जानने के बाद आप शेयर बाजार में निवेश करके आसानी से पैसा कमा सकते हैं।
Table of Contents
शेयर मार्केट क्या है हिंदी में? – What is share market in hindi:
Share Market को समझना बहुत आसान है, आप इसे ऐसे समझ सकते हैं जैसे कोई कंपनी है जिसका नाम ITC है। यदि आप अपना पैसा इस कंपनी में निवेश करना चाहते हैं, इसके लिए आपको आईटीसी कंपनी के शेयर खरीदने होंगे, इस तरह आप कंपनी में अपना पैसा लगा सकते हैं।
शेयर मार्केट क्या है? और शेयर मार्केट में पैसे कैसे कमाए?
अब सवाल आता है कि हम पैसे कैसे कमाएंगे? इसे आप ऐसे समझ सकते हैं जैसे itc कंपनी के शेयर की कीमत अब ₹200 रुपये है, यदि भविष्य में इस कंपनी के शेयर की कीमत बढ़ जाती है और इसकी कीमत ₹250 हो जाती है, तो अब आपको प्रत्येक शेयर पर ₹50 रुपये का लाभ मिलेगा।
लेकिन अगर इस कंपनी के शेयर की कीमत घटकर ₹150 रह जाती है, तो इस हालत में आपका नुकसान होगा, आपको प्रत्येक शेयर पर ₹50 रुपये का नुकसान होगा, इसलिए आपको अपना पैसा लगाने से पहले सही कंपनी चुननी होगी, शेयर बाजार में आप कुछ भी खो या हासिल कर सकते हैं।
डीमैट अकाउंट क्या है?:
शेयर बाजार में निवेश या Trade करने के लिए आपको एक डीमैट account की आवश्यकता होती है, तभी आप किसी भी कंपनी शेयर बाजार में कितने तरह से पैसा लगा सकते? के शेयर खरीद और बेच सकते हैं। हम आपको Upstox Application में account खोलने की सलाह देंगे क्योंकि रतन टाटा ने भी upstox app पर निवेश किया है, यह एक बहुत ही सुरक्षित एप्लिकेशन है। Upstox पर account खोलना बहुत आसान है लेकिन आपका मोबाइल नंबर आधार कार्ड से जुड़ा होना आवश्यक है और आप अपना खाता Upstox App में बिल्कुल मुफ्त खोल सकते हैं।
डीमैट खाता कैसे खोले?:
Upstox App पर खाता खोलने के लिए, नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें और फिर अपनी basic Details दर्ज करें, आपका अकाउंट खुल जाएगा और फिर 24 घंटे के अंदर आपको अपना यूजर आईडी और पासवर्ड आपके ईमेल पर भेज दिया जाएगा। फिर आपको पासवर्ड रीसेट करना होगा और एक मजबूत पासवर्ड सेट करना होगा, फिर आप अपनी ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं।
इंट्राडे ट्रेडिंग क्या होती हैं? – What is Intraday Trading? :
जब आप शेयर बाजार की दुनिया में अपना पहला कदम रखते हैं तो आपको इंट्राडे ट्रेडिंग के बारे में सुनने को मिलता है। इंट्राडे ट्रेडिंग वह है। आपको किसी भी कंपनी के शेयर सुबह 9:15 बजे से दोपहर 3:15 बजे तक खरीदने और बेचने होते हैं, अगर आप बेचना भूल जाते हैं, तो वह अपने आप बिक जाता है।
यदि आपको लाभ होता है या आपको हानि होती है, तो यह आपके ट्रेडिंग खाते में आता है, जिसे आप अपने बैंक में स्थानांतरित (transfer) कर सकते हैं। लेकिन अगर आप intraday trading करते हैं तो upstox द्वारा आपको 5x का मार्जिन (margin) दिया जाता है। अगर आपके पास एक हजार रुपये हैं तो आप upstox app से पांच हजार के शेयर खरीद और बेच सकते हैं।
डिलीवरी ट्रेडिंग (Delivery Trading) क्या होता हैं? :
यदि आपने किसी कंपनी के शेयर खरीद लिया है और आप इन सभी शेयरों को कुछ दिनों या कुछ सालों बाद बेचना चाहते हैं, तो आपको कंपनी के share को delivery order में खरीदना होगा, उसके बाद आप उन शेयरों को अपनी इच्छानुसार किसी भी समय बेच सकते हैं।
शेयर कैसे खरीदते और बेचते हैं?:
Upstox App में जब आप अपना खाता खोलते हैं, तो इसके बाद आप शेयर बाजार में ट्रेड कर सकते हैं, इस वीडियो में आपको upstox app में शेयर खरीदना और बेचना सिखाया गया है। आप नीचे दिए गए वीडियो को देखकर सीख सकते हैं।
शेयर मार्केट में पैसा कैसे लगाएं? और शेयर मार्केट कैसे सीखे:
शेयर बाजार में निवेश करने से पहले शेयर बाजार के बारे में जानना बहुत जरूरी है। जिसका ये फायदा होगा की आपको नुकसान बहुत कम होगा और लाभ अधिक होगा यदि आपको शेयर मार्किट के बारे में सीखना है, तो आप दिए गए कोर्स को देखकर फ्री में शेयर मार्केट के बारे में जान सकते हैं।
Tips & Conclusion: काफी लोग ये जानना चाहते हैं की न्यूनतम राशि शेयर बाजार में निवेश करने के लिए कितनी होनी चाहिए ?. तो इसका जवाब है कि आप ₹100 रुपये से शुरू कर सकते हैं लेकिन अगर आपको शेयर बाजार के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है, इसलिए आपको सबसे पहले शेयर बाजार में बहुत कम रकम लेकर आना चाहिए, क्योंकि इस बात की बहुत ज्यादा संभावना है कि आप अपना पैसा भी गंवा सकते हैं। इसलिए आपको शेयर मार्केट को अपने रिस्क के हिसाब से सीखना चाहिए।
आइए समझें टैक्स सेविंग वाले म्यूचुअल फंड का निवेश क्यों है सबसे फायदेमंद
ELSS ईएलएसएस ऐसे म्यूचुअल फंड होते हैं, जिनका सर्वाधिक भाग (65% से अधिक) शेयरों (equity) में और इक्विटी लिंक्ड सिक्योरिटीज में निवेश कि जाता है. साथ ही इसका एक हिस्सा फिक्स्ड इंकम प्रतिभूति (fixed-income securities) आदि में भी लगाया जाता है.
म्यूचुअल फंड निवेश का अच्छा विकल्प.
म्यूचुअल फंड में निवेश आज की तारीख में सबसे बेहतर निवेश माना जा रहा है. कारण सिर्फ यह है कि अगर कोई भी नौकरीपेशा शेयर बाजार में कितने तरह से पैसा लगा सकते? या बिजनेसमैन यह चाहता है कि वह अपने काम के साथ अपने पैसे को बढ़ाना चाहता है और उस पर ज्यादा सोच विचार का समय नहीं है तब म्यूचुअल फंड का निवेश उसके सामने एक अच्छा विकल्प है. साथ ही ऐसे निवेशकों के लिए यह सबसे उपयोगी जो बाजार के उतार-चढ़ाव को तो समझते हैं मगर उससे सीधे जुड़े नहीं रह पाते हैं. नौकरी या बिजनेस उन्हें इतना वक्त नहीं देता कि वे बाजार की चाल के साथ निवेश कर सकें और अपना पैसा सही समय में निकाल सकें. ऐसे लोगों के लिए म्यूचुअल फंड शानदार मौका उपलब्ध कराता है जिससे वे अपने पैसे का ज्यादा रिटर्न ले सकें.
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म्यूचुअल फंड में एक फंड टैक्स सेविंग फंड भी होता है जिसे आम तौर पर ELSS (Equity Link Saving scheme) कहते हैं. चूंकि यह एक टैक्स सेविंग स्कीम है तो इसके साथ कुछ पाबंदियां भी आती हैं. यानि इस योजना में कुछ लॉकिन इन समय है. इससे साफ है कि इस दौरान आप निवेश की गई राशि को निकाल नहीं सकते हैं. अमूमन यह लॉकइन समय कम से कम तीन साल का होता है.
ELSS ईएलएसएस ऐसे म्यूचुअल फंड होते हैं, जिनका सर्वाधिक भाग (65% से अधिक) शेयरों (equity) में और इक्विटी लिंक्ड सिक्योरिटीज में निवेश कि जाता है. साथ ही इसका एक हिस्सा फिक्स्ड इंकम प्रतिभूति (fixed-income securities) आदि में भी लगाया जाता है.
चूंकि इनमें निवेश लॉकइन समय के साथ आता है. तो सरकार की ओर से आयकर की धारा 80 सी के तहत टैक्स में छूट का लाभ लिया जा सकता है. यह साफ करना भी जरूरी है कि इस सेक्शन के तहत केवल 150000 रुपये सालाना ही टैक्स में छूट का दायरा है. क्योंकि यहां पर टैक्स में छूट के साथ कमाई भी हो रही है तभी इसे टैक्स सेविंग स्कीम भी कहा जा रहा है.
जानकारी के लिए बता दें कि आयकर के सेक्शन 80 सी के तहत कुछ अन्य निवेश और खर्च भी आते हैं. इनमें EPF, PPF, NSC, सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम, सुकन्या समृद्धि योजना, जीवन बीमा आदि भी सम्मिलित हैं. टैक्स की लिमिट में इन सभी को शामिल किया जाता है.
टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड या ELSS की मुख्य बातों को ऐसे समझें
टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड या कहें म्यूचुअल फंड एक प्रकार से कई लोगों के पैसे को इकट्ठा कर बाजार में निवेश किया जाता है. नाम से ही साफ हो जाता है कि जिस भी कंपनी के माध्यम से हम निवेश कर रहे हैं वह कंपनी पैसे एकत्र कर निवेश करती है. कंपनी के पास अपने फंड मैनेजर होते हैं जो हमेशा बाजार की चाल पर नजर रखते हैं और निवेश करने में बेहतर रिटर्न के साथ पैसे की सुरक्षा के दोनों पहलुओं पर गौर करते हैं. यहां यह भी साफ कर देना उतना ही जरूरी है जितना किसी बात की गारंटी देने के लिए जरूरी होता है. बाजार में किया गया निवेश हमेशा एक रिस्क या कहें जोखिम के साथ होता है. सो जो इस बात को रिस्क वहन करना जानते हैं तब आप बाजार से जुड़े किसी फंड में निवेश करें.
फंड मैनेजर ये निवेश सरकारी बॉन्ड, कंपनियों के सावधि जमा, शेयर या फिर सोना आदि में करते हैं या कहें जैसे जरूरत और समय है उसमें निवेश किया जाता है. ये फंड मैनेजर की सूझबूज के साथ ही तय हो जाता है कि पैसा कितना बढ़ेगा. साथ ही यह वही तय करता है कि कब निवेश करना है और कब निकाल लेना है.
रिटर्न की संभावना कितनी है म्यूचुअल फंड में
इस सवाल का जवाब सटीक नहीं होता. इसके लिए कहा जा सकता है कि सड़क पर चलती गाड़ी की स्पीड कितनी होगी. कोई बता सकता है. नहीं. सड़क कैसी है, ड्राइवर कैस है और ट्रैफिक कैसा.. कई कारक सड़क पर गाड़ी की स्पीड तय करते हैं. वैसे टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड भी शेयरों में ही निवेश करता है इसलिए इसमें से सबसे ज्यादा पैसा बनने की उम्मीद है. वैसे भी भारत की अर्थव्यवस्था पिछले कुछ दशकों से लगातार प्रगति कर रही है. विदेशी निवेशकों से लेकर विदेशी कंपनियों ने यहा पर निवेश और विनिर्माण में रुचि दिखाई है और यह लगातार बढ़ता ही जा रहा है. ऐसे में आने वाले 20 सालों में भारत का भविष्य उज्ज्वल है और निवेश का प्रतिफल लाभदायक ही होने की उम्मीद है. हम फिर एक बार गारंटी नहीं ले रहे हैं. याद रखें बाजार की अपनी चाल होती है. आंकड़ों पर गौर किया जाए तो कई म्यूचुअल फंड ने पिछले दो दशकों में 21 प्रतिशत सालाना का रिटर्न भी दिया है. कहा तो यह भी जाता है कि MF के सामने सोना भी फीका साबित हुआ है. कुछ तो यह भी कहते हैं कि प्रॉपर्टी का निवेश भी कमतर रहा है.
इसीलिए अगर आप चाहते हैं कि आपके tax saving investment से सबसे ज्यादा कमाई हो तो टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड यानी ELSS में पैसे लगाएं।
म्यूचुअल फंड में SIP के जरिए किस्तों में भी निवेश कर सकते हैं
म्यूचुअल फंड में एकमुश्त और SIP की सुविधा होती है. एसआईपी के जरिए आपको निवेश करने में सुविधा होती है. आप महीने की किसी एक तारीख में एक निश्चित रकम निवेश कर सकते हैं. अब इन एसआईपी के लिए बैंक खाते से हर महीने अपने आप पैसे कट जाते हैं. पैसे अलग अलग महीने में कटती है तो ऐसे में आपके म्यूचुअल फंड के खाते में भी अलग अलग समय पर यूनिट की खरीद होती है. इससे यह फायदा होता है कि बाजार के उतार चढ़ाव को यह संभाल लेता है.
अंत में बस एक बात. अभी तक देखा गया है कि पिछले दो दशकों में शेयर बाजार वाले म्यूचुअल फंड में निवेश पर कम से कम 11 प्रतिशत सालाना का रिटर्न मिला है वहीं टैक्स सेविंग में 18 प्रतिशत तक का रिटर्न प्राप्त हुआ है. बाजार ने पिछले दो दशकों में देश की तरक्की के साथ खासी मजबूती भी हासिल की है और निरंतर प्रगति के ओर बढ़ रहा है. यह अलग बात है कि बाजार हमेशा जोखिम से भरा होता है इसलिए बाजार से जुड़े किसी भी निवेश में केवल उसी व्यक्ति को निवेश करना चाहिए जो यह रिस्क लेने को तैयार है.
शेयर बाजार में उठापटक के बीच जानें कहां और कैसे करना है निवेश
जहां निवेश के परंपरागत साधन उतने कारगर होते नहीं दिख रहे हैं वहीं दूसरी ओर नए विकल्प भी जोखिम भरे हैं
Updated On: Oct 07, 2018 05:05 PM IST
Madhurendra Sinha
BAN
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IND
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